मस्तिष्क विकार गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हैं, सजगता जरूरी है

मस्तिष्क विकार गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हैं, सजगता जरूरी है

आज केे समय में जरूरी है मस्तिष्क विकारों के प्रति सजग रहना
डॉ  शमशेर  द्विवेदी ,डायरेक्टर, न्यूरोलॉजी माइंड, मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल,देहरादून

देहरादून: मस्तिष्क विकार गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हैं जो किसी व्यक्ति के जीवन को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती हैं। इन विकारों में अल्जाइमर, पार्किंसन, स्ट्रोक, और मस्तिष्क कैंसर जैसी बीमारियां शामिल हैं। हालांकि, सही जीवनशैली और कुछ सावधानियों का पालन करके इन विकारों से बचा जा सकता है। स्वस्थ आहाररू संतुलित और पोषक तत्वों से भरपूर आहार मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। फलों, सब्जियों, नट्स, और साबुत अनाज का सेवन मस्तिष्क को आवश्यक विटामिन और खनिज प्रदान करता है।

ओमेगा-3 फैटी एसिड, जो मछली और अलसी के बीजों में पाया जाता है, मस्तिष्क की कोशिकाओं को स्वस्थ रखने में सहायक होता है। नियमित व्यायामरू शारीरिक गतिविधि मस्तिष्क के लिए अत्यंत लाभकारी है। व्यायाम से रक्त संचार में सुधार होता है, जिससे मस्तिष्क को पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषक तत्व मिलते हैं।

योग, ध्यान, और एरोबिक एक्सरसाइज मस्तिष्क की कार्यक्षमता को बढ़ाते हैं और तनाव को कम करते हैं। मानसिक सक्रियतारू मस्तिष्क को सक्रिय रखने के लिए मानसिक गतिविधियों में भाग लेना आवश्यक है। पढ़ाई, पहेलियाँ सुलझाना, संगीत सीखना, और नई भाषाएँ सीखना मस्तिष्क को तेज और सक्रिय रखते हैं। यह न केवल मस्तिष्क के विकारों की रोकथाम में मदद करता है, बल्कि वृद्धावस्था में भी मस्तिष्क को स्वस्थ बनाए रखता है।

नींद और आरामः पर्याप्त नींद और विश्राम मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं। नींद की कमी से मस्तिष्क की कार्यक्षमता प्रभावित होती है और अल्जाइमर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। प्रतिदिन 7-8 घंटे की नींद लेना आवश्यक है।

तनाव प्रबंधनः अत्यधिक तनाव मस्तिष्क के लिए हानिकारक हो सकता है। तनाव को नियंत्रित करने के लिए ध्यान, योग, और गहरी सांस लेने की तकनीकों का अभ्यास करना चाहिए। नियमित रूप से छुट्टियाँ लेना और अपने शौक पूरे करना भी तनाव को कम करता है।

सामाजिक जुड़ावः सामाजिक गतिविधियों में भाग लेना और दोस्तों व परिवार के साथ समय बिताना मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है। सामाजिक जुड़ाव से मस्तिष्क की कार्यक्षमता बढ़ती है और मानसिक विकारों का खतरा कम होता है। इन सरल उपायों को अपनाकर मस्तिष्क विकारों की रोकथाम की जा सकती है। स्वस्थ जीवनशैली अपनाना और नियमित स्वास्थ्य जांच कराना मस्तिष्क को स्वस्थ और सक्रिय रखने में सहायक होता है।

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