ACTION: कीटनाशकों की पैकेजिंग में मिली खामियां, जांच को भेजे 08 नमूने

कृषि विभाग व केन्द्रीय एकीकृत नशीजीव प्रबंधन केंद्र द्वारा किया गया निरीक्षण

पौड़ी: कृषि विभाग व केन्द्रीय एकीकृत नशीजीव प्रबन्धन केन्द्र, देहरादून द्वारा संयुक्त रूप से कोटद्वार क्षेत्र के अंतर्गत जोश एग्रो केमिकल बलभद्रपुर, यू किसान स्टोर हल्दूखाता, चरक एग्री एण्ड बायोटैक स्टोर व मीनाक्षी परवाल शिवालिक स्टोर का निरीक्षण किया गया।

मुख्य कृषि अधिकारी विकेश कुमार यादव ने बताया कि कोटद्वार के जोश एग्रो केमिकल बलभद्रपुर का निरीक्षण के दौरान मौके पर कम्पनी के प्रतिनिधि द्वारा बताया गया कि फर्म में कीटनाशकों का उत्पादन नवम्बर 2024 से नहीं किया गया। कहा कि प्रतिनिधियों द्वारा यह भी बताया गया कि जब किसी फर्म या संस्था से उनकी कंपनी से ऑर्डर मिलता है तो उसी के आधार पर कीटनाशक, केमिकल का निर्माण उनकी कम्पनी द्वारा किया जाता है। कंपनी के कर्मचारियों द्वारा बताया कि स्टाफ नहीं होने के कारण कीटनाशको की सैपलिंग नही की जा सकी और कंपनी की मुख्य उत्पादन यूनिट बंद होने के कारण उसका सर्वेक्षण भी नहीं किया जा सका।

मुख्य कृषि अधिकारी ने बताया कि प्रयोगशाला के सर्वेक्षण के दौरान संज्ञान में आया कि कंपनी में उत्पादन नहीं होने के कारण प्रयोगशाला का संचालन भी सुचारू नहीं हुआ। साथ ही विभिन्न दस्तावेज भी कंपनी द्वारा उपलब्ध नहीं कराये गये। कहा कि फर्म से प्राप्त विभिन्न कीटनाशको की पैकेजिंग में कमियां पायी गयी, जिसके 08 नमूने केन्द्रीय कीटनाशक प्रयोगशाला (सी०आई एल) पैकेजिंग यूनिट फरीदाबाद को जांच के लिए भेजे जायेगें। साथ ही कुछ पैकेजिंग की कवरिंग बिना पंजीकरण संख्या के प्राप्त हुए, जिसके नमूने भी प्राप्त किये गये।
इसके अलावा उन्होंने न्यू किसान स्टोर, हल्दूखाता कोटद्वार का निरीक्षण करने गये तो वहां स्टोर बंद पाया गया। मुख्य कृषि अधिकारी ने स्टोर बंद होने पर संबंधित को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। साथ ही उन्होंने चरक एग्री एंड बायोटेक स्टोर हल्दूखाता का निरीक्षण भी किया। मुख्य कृषि अधिकारी ने बताया कि मीनाक्षी परवाल स्टोर शिवालिक नगर कोटद्वार के सम्बन्ध में स्थानीय लोगों से जानकारी मिली कि काफी समय से व्यवसाय बन्द कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि मीनाक्षी परवाल स्टोर द्वारा 2018 में लाइसेंस लिया गया था और स्थानीय लोगों की शिकायत पर उनका लाइसेंस निरस्त करने की कार्यवाही की जाएगी।
निरीक्षण के दौरान केन्द्रीय एकीकृत नशीजीव प्रबन्धन केन्द्र देहरादून से डॉ. जगमोहन, डॉ. किरन नेगी, नितिन कुमार व अन्य उपस्थित थे।

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