एक भारत-श्रेष्ठ के अनुरूप आगे बढ़ा रहा है उत्तराखंड: महाराज

एक भारत-श्रेष्ठ के अनुरूप आगे बढ़ा रहा है उत्तराखंड: महाराज

एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावनाओं के अनुरूप आगे बढ़ा रहा है उत्तराखंड: महाराज

गुजरात में आयोजित राष्ट्रीय एकता दिवस समारोह में किया प्रदेश का प्रतिनिधित्व

लोक नृत्य एवं गीतों के साथ-साथ उत्तराखण्ड मंडप में गढ़वाली, कुमाऊँनी भोजन का जमकर लुत्फ उठा रहे हैं आगंतुक

गुजरात/देहरादून। लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल ने जिस “एक भारत-श्रेष्ठ भारत” का सपना देखा आज उत्तराखण्ड उसी भावना को आत्मसात कर आगे बढ़ा रहा है।

उक्त बात प्रदेश के पर्यटन, लोक निर्माण, सिंचाई, पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण, जलागम, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने केवड़िया (गुजरात) में राष्ट्रीय एकता दिवस तथा लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल जी की 150वीं जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में उत्तराखण्ड राज्य का प्रतिनिधित्व करते हुए अपने संबोधन में कही। उन्होंने कहा कि इस आयोजन में उत्तराखण्ड को अपनी संस्कृति, व्यंजन, पर्यटन संभावनाओं और 25 वर्षों की विकास यात्रा को प्रस्तुत करने का सौभाग्य मिला जो कि हमारे लिए गर्व की बात है। उत्तराखंड अपनी स्थापना की रजत जयंती वर्ष मना रहा है। पिछले कुछ वर्षों में यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड का चौहुंमुखी विकास हुआ है।

राष्ट्रीय एकता दिवस तथा लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर
केवड़िया, गुजरात में 01 से 15 नवम्बर 2025 तक आयोजित होने वाले इस भव्य कार्यक्रम में देश के समस्त राज्यों ने अपनी सांस्कृतिक, आध्यात्मिक, पर्यटन एवं विकास यात्रा को प्रस्तुत किया है। इस अवसर पर देवभूमि उत्तराखण्ड ने भी अपनी अद्भुत संस्कृति, विरासत, साहसिक पर्यटन क्षमता और सांस्कृतिक गरिमा को प्रदर्शित किया।

श्री महाराज ने कहा कि इस आयोजन में आईएचएम देहरादून, जीएमवीएन, केएमवीएन, संस्कृति विभाग तथा उद्योग विभाग द्वारा जहां एक ओर उत्तराखण्ड के पारंपरिक व्यंजन भट्ट की चुड़कनी, कुमाऊँनी रायता, झंगोरे की खीर, गहत की दाल, मंडुए की रोटी सहित अन्य व्यंजन परोसे जा रहें हैं। सभी लोग उत्तराखण्ड के व्यंजनों की प्रसंशा कर रहे हैं और कार्यक्रम में उत्तराखंड के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत लोक नृत्य के साथ-साथ गढ़वाली, कुमांऊनी एवं जौनसारी गीतों का भी जमकर लुत्फ उठा रहे हैं। 25 वर्गमीटर में फैले उत्तराखण्ड मंडप में कुमाऊँ और गढ़वाल की संस्कृति, परिधान, हस्तशिल्प, टेक्सटाइल, रिंगाल कला, हॅप उत्पाद, जड़ी-बूटियों और हाउस ऑफ हिमालयाज के पर्वतीय उत्पादों से सुसज्जित रहा। यह मंडप उत्तराखण्ड के 25 वर्षों की विकास यात्रा और उज्ज्वल भविष्य की तस्वीर को भी दिखाता है।

श्री महाराज ने कार्यक्रम से पूर्व स्टैचू ऑफ यूनिटी पर जाकर लोह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की विशालकाय प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करने के साथ-साथ प्रतिमा के दिल के हिस्से से नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर बांध का भी अवलोकन किया जिसकी पहल सरदार वल्लभभाई पटेल ने 1945 में की थी जिसे 2017 में तत्कालीन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साकार किया।

इस मौके पर गुजरात के वित्त एवं शहरी विकास मंत्री कनु भाई देसाई, वन एवं पर्यावरण मंत्री अर्जुनभाई मोढवाडिया, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के प्रशासक और सीईओ आईएएस अमित अरोड़ा, नांदोद विधानसभा क्षेत्र के विधायक डॉ. दर्शना चंदूभाई देशमुख वसावा, नर्मदा जिले के कलेक्टर संजय के. मोदी एवं डीसीएफ अग्निश्वर व्यास आदि मौजूद थे।

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