हर साल ‘जनजातीय विज्ञान महोत्सव’ आयोजित किया जाएगा, सीएम पुष्कर सिंह धामी ने की घोषणा

 

राज्य जनजातीय शोध संस्थान द्वारा आयोजित ‘आदि गौरव महोत्सव’ कार्यक्रम में सीएम ने किया प्रतिभाग

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को ओ.एन.जी.सी स्टेडियम, कौलागढ़ रोड देहरादून में राज्य जनजातीय शोध संस्थान द्वारा आयोजित ‘आदि गौरव महोत्सव’ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विज्ञान में क्षेत्र में जनजातीय प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिये प्रतिवर्ष ‘जनजातीय विज्ञान महोत्सव’ आयोजित कराए जाने की घोषणा की। जिसके लिये उत्तराखण्ड जनजातीय शोध संस्थान को आवश्कता अनुसार धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी।

मुख्यमंत्री ने आदि गौरव महोत्सव में विभिन्न राज्य से आए जनजातीय समाज के लोगों से मुलाकात कर उनकी संस्कृति को जाना। देशभर से प्रतिभाग कर रहे विभिन्न जनजातियों के कलाकारों ने लोक नृत्यों की प्रस्तुति की। मुख्यमंत्री ने जनजातीय समाज द्वारा लगाए गए विभिन्न स्टालों का भी अवलोकन किया, एवं जनजातीय समाज के लोक नृत्य में भी सम्मलित हुए।

मुख्यमंत्री ने बिरसा मुंडा जी की प्रतिमा में पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने आदि गौरव महोत्सव के आयोजन हेतु राज्य जनजाति शोध संस्थान का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा यह कार्यक्रम जनजातीय कलाकारों को अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का अवसर एंव गैर जनजातीय समुदाय को भी जनजातीय समाज की कला एवं संस्कृति की विशेषताओं से अवगत कराने का कार्य करेगा। उन्होंने कहा भगवान बिरसा मुंडा ने मात्र 24 साल 7 महीने के अपने जीवनकाल में वो किया, जो अनंत समय तक याद रखा जाएगा। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में बिरसा मुंडा जी का योगदान अतुलनीय है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिरसा मुंडा जी के संघर्ष और बलिदान ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा दी। उनके आंदोलन ने अन्य जनजातीय समुदायों को भी संगठित किया और स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भागीदारी करने की प्रेरणा दी। वो एक महान समाज सुधारक भी थे। उन्होंने जनजातीय समाज में व्याप्त कुरीतियों के खिलाफ जागरुकता फैलाकर जनजातीय समाज को संगठित किया। उन्होंने कहा जनजातीय समाज हमारे भारत देश की मजबूत जड़ के समान है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में आदिवासी एवं जनजातीय समाज को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। जनजाति समाज से आने वाली आदरणीय श्रीमती द्रोपदी मुर्मू जी का राष्ट्रपति पद पर सुशोभित होना केंद्र सरकार की जनजाति समाज के सशक्तिकरण के प्रति सच्ची प्रतिबद्धता का प्रतीक है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री जी ने जनजातीय समाज के विकास के बजट को 3 गुना बढ़ाकर इस समाज को विकसित और सशक्त करने का कार्य किया है।

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