डाबर ने आयुर्वेदिक मेडिसिन पोर्टफोलियो का किया विस्तार

डाबर ने आयुर्वेदिक मेडिसिन पोर्टफोलियो का किया विस्तार

 

डाबर हेल्थ ज्यूस और कामवल्लभ गोल्ड का किया लॉन्च

 

देहरादूनः आयुर्वेद को आज के उपभोक्ताओं की जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा बनाने के उद्देश्य से, दुनिया की सबसे बड़ी विज्ञान आधारित आयुर्वेद कंपनी डाबर इंडिया लिमिटेड लेकर आई है दो रेवोल्यूशनरी प्रोडक्ट्स- ताकत एवं शक्ति बढ़ाने वाले कैपस्यूल कामवल्लभ गोल्ड और डाबर हेल्थ ज्यूस रेंज। इन दोनों प्रोडक्ट्स का लॉन्च आज वर्ल्ड आयुर्वेदा कॉन्ग्रेस एण्ड इंटरनेशनल आरोग्य एक्सपो देहरादून में किया गया।

प्रेस क्लब में पत्रकारों से बातचीत करते हुए डाबर इंडिया लिमिटेड में मार्केटिंग के वाईस प्रेज़ीडेन्ट श्री अजय सिंह परिहार ने कहा, ‘‘आयुर्वेद की 140 वर्षों की धरोहर और प्रकृति के बारे में गहरे ज्ञान के साथ डाबर हमेशा से सभी के लिए सुरक्षित, किफ़ायती और प्रभावी हेल्थकेयर पर फोकस करती रही है तथा प्राचीन आयुर्वेद के गहन अध्ययन के बाद अपने प्रोडक्ट्स लाती रही है। नए रेवोल्यूशनरी प्रोडक्ट्स- कामवल्लभ गोल्ड एवं डाबर हेल्थ ज्यूस रेंज- का लॉन्च इसी दिशा में एक और कदम है जो आयुर्वेद के प्राचीन भारतीय ज्ञान तथा आधुनिक विज्ञान का बेहतरीन संयोजन है।

कामवल्लभ गोल्ड एक अनूठा और शक्तिशाली फॉर्मूला है, जो शिलाजीत, सफेद मूसली, कौंच बीज एवं अश्वगंधा जैसे शक्तिशाली प्राकृतिक अवयवों के साथ हीरक और स्वर्ण भस्म की ताकत का संयोजन है।

प्रीमियम हर्बल फॉर्मूला डाबर हेल्थ ज्यूस रेंज उपभोक्ताओं की रोज़मर्रा की ज़रूरतों को पूरा करता है (जैसे पाचन तंत्र की देखभाल, बालों की देखभाल, फिटनैस/ स्लिमिंग और हार्ट की देखभाल)। आज के दौर में पाचन, बालों और दिल की बीमारियों के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं और उपभोक्ताओं को इनके लिए कारगर समाधान की ज़रूरत है।

गौरतलब है कि वर्ल्ड आयुर्वेदा कॉन्ग्रेस का आयेजन देहरादून में 12 से 16 दिसम्बर के बीच किया जाएगा। डाबर 800 से अधिक शास्त्रोका आयुर्वेदिक दवाओं, विशेष रूप से भस्म और आसव-अरिष्ट की मैनुफैक्चरिंग एवं मार्केटिंग में सक्रिय है।

 

परिहार ने कहा कि “हमें खुशी है कि हमें वर्ल्ड आयुर्वेदा कॉन्ग्रेस में हिस्सा लेने का मौका मिल रहा है, यह हमारी जड़ों में मौजूद आयुर्वेद के ज्ञान को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। यह सेमिनार चिकित्सकों को एक दूसरे के साथ जुड़ने, बातचीत करने का मौका देगी। साथ ही आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए आदर्श मंच साबित होगी।“

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