देहरादून ने विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस पर लोगों को किया जागरूक

मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल,

सहारनपुर, इस विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस के अवसर पर मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, देहरादून द्वारा एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों को ब्रेन ट्यूमर जैसी गंभीर बीमारी के बारे में जानकारी देना और इसके लक्षणों, कारणों व उपचार के प्रति सचेत करना था।

डॉ. आनंद मोहन ठाकुर, एसोसिएट डायरेक्टर, न्यूरोसर्जरी विभाग, मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, देहरादून ने बताया कि, “ब्रेन ट्यूमर एक खतरनाक स्थिति है, जिसमें मस्तिष्क में असामान्य कोशिकाएं (एबनार्मल सेल्स) बन जाती हैं। यह सेल्स ब्रेन के सामान्य कार्य में बाधा डालती हैं। ब्रेन ट्यूमर दिमाग के भीतर या उसके आसपास की संरचनाओं जैसे पिट्यूटरी ग्लैंड (जो शरीर की कई गतिविधियों को नियंत्रित करती है) और पीनियल ग्लैंड, ब्रेन को ढकने वाली मेम्ब्रेन या सिर की हड्डी में विकसित हो सकते हैं।“

डॉ. ठाकुर ने आगे कहा कि, “हर ट्यूमर कैंसर नहीं होता, कुछ ट्यूमर नॉन-कैंसरस भी होते हैं जबकि कुछ घातक यानी कैंसरयुक्त भी हो सकते हैं। अक्सर ब्रेन ट्यूमर के लक्षण शुरुआत में सामान्य लगते हैं, जैसे बार-बार सिरदर्द होना, मतली या उल्टी आना, धुंधला दिखना, थकान महसूस होना, याददाश्त पर असर पड़ना या शरीर के किसी अंग में कमजोरी या सुन्नता आना, ये लक्षण जैसे-जैसे ट्यूमर बढ़ता है, गंभीर होते जाते हैं। ब्रेन ट्यूमर किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन 20 से 40 वर्ष की आयु के लोगों में कैंसर रहित ट्यूमर अधिक पाए जाते हैं, जबकि 50 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में कैंसरयुक्त ट्यूमर की संभावना अधिक होती है।“

इलाज के बारे में बात करते हुए डॉ. ठाकुर ने बताया कि, “ब्रेन ट्यूमर को ठीक करने के लिए मुख्य रूप से सर्जरी, रेडिएशन थेरेपी और कीमोथेरेपी का उपयोग किया जाता है। कुछ मामलों में ट्यूमर को पूरी तरह से हटाने के लिए सर्जरी की जाती है, जिससे आसपास की संरचनाओं पर पड़ने वाला दबाव को कम किया जा सके और सही इलाज व रोग की संभावित जोखिमों को जानने के लिए बायोप्सी की जा सके।“

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